Friday, March 8, 2013

Seminar



Organising a Seminar on
Paid Domestic Work:
Emerging Trajectories, Organisational and Regulatory Scenario

on 15-16 March, 2013
at Conference Hall - II, YWCA of Delhi, Ashoka Road, New Delhi-110001

Note: Participation by Invitation only
for information visit: http://www.cwds.ac.in & http://www.cwds.org


Poem on Women's Day



कविता – महिला दिवस के उपलक्ष मेँ


हक तुम्हारा ना हमारा मिलकर बोलो सब जयकारा
देना होगा सब बराबर तकरार के बिना

महिला दिवस का नज़ारा, लगता सब नारी को प्यारा
वर्ष में एक दिन तो हमारा, हर दिन यही लगेगा नारा
अब चलेगा ना गुज़ारा पूरे साल के बिना

हक तुम्हारा ना हमारा मिलकर बोलो सब जयकारा
देना होगा सब बराबर तकरार के बिना

जो जो देखे हमने ख्वाब, देना होगा सब हिसाब
चाहिए ना झूठा खिताब, नारी पुरुष चले एक साथ
देना होगा सब जवाब इन्कार के बिना

हक तुम्हारा ना हमारा मिलकर बोलो सब जयकारा
देना होगा सब बराबर तकरार के बिना

कानून बने अनेक, लागू होता नहीं है एक
क्या इच्छा शक्ति नहीं नेक, सदियों से रहे हैं देख
लागू हो सकते ना कानून सरकार के बिना

हक तुम्हारा ना हमारा मिलकर बोलो सब जयकारा
देना होगा सब बराबर तकरार के बिना

घंटे दिन बीते और बरसों, आज नहीं कल परसों, तरसों
पीली पड़ गयी जैसे सरसों, पीली पड़ गयी जैसे सरसों
अब होगा ना गुज़ारा अधिकार के बिना

हक तुम्हारा ना हमारा मिलकर बोलो सब जयकारा
देना होगा सब बराबर तकरार के बिना